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रेस्टोरेंट्स बिज़्नेस के सीक्रेट्स | SECRET PSYCHOLOGY OF RESTAURANT BUSINESS [HINDI]



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Sneaky Psychology Methods Eating places Use To Make You Spend Extra Cash –

They use extraordinarily descriptive language
They join meals to household.
They use ethnic meals phrases to make their meals appear extra genuine
They visually spotlight issues
They use costly gadgets to attract you to the cheaper gadgets.
They provide meals in two portion sizes.
They set the temper to spend.
They restrict your selections.

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आपके साथ कितनी बार हुआ है की किसी रेस्टोरेंट मई गये और ज़रूरत से काफ़ी ज़्यादा खा के आ गये हो.
मेरे साथ तो कई बार हू है.
रेस्टोरेंट बिज़्नेस बहुत ट्रिकी बिज़्नेस है रीस्गत? उनको आपसे मनी भी ज़्यादा स्पेंड करना है बुत साथ ही साथ ये भी ध्यान रखना है की आप खुश हो कर वो मनी देवे.
सो, लेट्स सी ये बिज़्नेस कैसे काम करता है.

रेस्टोरेंट्स दो टाइप के होते है
1) फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट्स.

2) फास्ट फुड रेस्टोरेंट्स

1) फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट्स –
ये लोग आपके बिहेवियर को इन्फ्लुयेन्स करने की कोशिश करेंगे.
जैसे सबसे पहले आप गये तो हाइ एंड रेस्टोरेंट्स के स्टाफ हमेशा इंग्लीश मई बात करेंगे, पूछेंगे की क्या आपका रिज़र्वेशन था? और चाहे सारी टेबल्स खाली हो वो कुछ देर कुछ सर्च करके आपको सीट देंगे.
फिर आपसे पूछा जाएगा की “वुड लीके तो ऑर्डर आ ड्रिंक?” और वो आपको सजेस्ट भी करेंगे.
लेट मे स्टेट, ड्रिंक्स या मोकक्थाइल्स मई मार्गिंगस हमेशा काफ़ी ज़्यादा होते है.
खास करके बफे रेस्टोरेंट्स मई जहा फिक्स रते अनलिमिटेड फुड होता है वाहा हमेशा आपको कॉंप्लिमेंटरी ड्रिंक्स फुड से पहले दी जाएगी ताकि आपकी अपेटाइट कम हो जाए.

कई रेस्टोरेंट्स, आंबियेन्स मई बिल्कुल डिफरेंट कल्चर के फोटोस लगते है क्यूकी खाने के टेस्ट से ज़्यादा वो मानते है आप एक एक्सपीरियेन्स ले जाए.
इंडिया मई मोस्ट रेस्टोरेंट्स हॉलीवुड के सॉंग्स ही चलते है. फॉर एग्ज़ॅक्ट सेम रीज़न.
कई जगह पे फुड अरोमा डिसपेनसर्स लगे होते है जैसे सबवे, पवर् एट्सेटरा मई. उनसे आपको ब्रेड के बेक होने की, कही चॉक्लेट की, कही आपल पिए फ्लेवर, कही पॉपकॉर्न की स्मेल आंबियेन्स मई आती है आंड योउ एंड उप बाइयिंग देम.

ये क्वेस्चन तो आपसे कई बार पूछा गया होगा – “मिनरल वॉटर लेंगे या रेग्युलर”. और एसका जवाब मोस्ट्ली उनके फेवर मई ही होगा. क्यूकी सिंपल मिनरल वॉटर की बॉटल भी यहा डबल से ज़्यादा रते होती है.

नाउ आपके हाथ मई एक मेनू कार्ड होगा जो की सूपरब्ली डिज़ाइंड होता है.
1) एज़्म सबसे प्रॉफिटबल डिशस के फोटोस ज़रूर होंगे. और आपको पता ही होगा की फुड फोटोग्रफी इस आ फुल टाइम थिंग. मई तो भाई मोस्ट्ली फोटोस देख के ही ऑर्डर करता हू.
2) बिल्कुल इमॅजिनेटिव और फ्लवरी भाषा मई डिशस के नाम और उनके अड्जेक्टिव्स होंगे.
जैसे हॅंडक्रॅफ्टेड, स्लो-कुक्ड, गोलडेन-ब्राउन, फ्रेश फ्रॉम थे ओवेन. ग्रमे’स सीक्रेट
3) कही कही अपने नोट किया होगा पूरे पेज मई सिर्फ़ 3-Four ही नाम है और उनके फोटोस है. या फिर बॉक्स मई उन्हे हाइलाइट किया हुआ है. ये वो डिशस होती है जिनको वो प्रमोट करना चाहते है. हो सकता है वो बेस्ट हो या मोस्ट प्रॉफिटबल हो.
4) मेनू मई एक आइटम होगा जो बहुत महेंगा होगा जिसकी वजह से हमे बाकी सारे आइटम्स काफ़ी सस्ते लगने लगेंगे.
तीस इस कॉल्ड डेकाय एफेक्ट.

मई हर बार मेनू कार्ड तो माँगता हू मगर मोस्ट्ली वो ही माँगता हू जो वेटर मुझे सुगसेसट करता है.
जैसे वो कहेगा की सिर जब तक मैं कोर्स आए मई कुछ स्टारटर लाउ और एस एक प्लेट मई 5-6 पीस के मई 200 से 300 रुपीज़ दे बेतता हू.

और बाद मई डेज़र्ट. बिना उसके कभी हमारी मील कभी पूरी नही होती.
जब लास्ट मई आफ्टर बिल पेमेंट चेंज लाया जाता है तो मोस्ट्ली उसमे कोशिश की जाती है काय्न्स लाए जाए.
मान लीजिए अगर अगर आपको 35 रुपीज़ चाहनगे देना है और वो सभी काय्न्स ले आए तो आपकी टिप बढ़ जाएगी. ऐसा कई बार देखा जाता है.

2) नाउ फ़ास्टफूड रेस्टोरेंट्स –
इनमे हमेशा ब्राइट कलर्स के ही इंटीरियर्स होते है. बिकॉज़ पूरे डल दिन के बाद ब्राइट कलर्स मेक उस फील हॅपी.
एक आइटम एन मई हमेशा काफ़ी सस्ता होता है तो इनक्रीस फुटफॉल्स लीके Mcड मई आइस्क्रीम, डोमिनोस मई 49 र्स मई पिज़्ज़ा, कफ्क मई क्रिस्पेर एट्सेटरा
आपके बच्चो के लिए 20 रुपी के टाय्स के लिए आप 300 रुपी की मील ले लेते है.
आपके साथ ऐसा कभी हुआ है?

योउ – 1 वेग बर्गर
वेटर – शुवर सिर, वित सिंगल चीज़ ओर डबल?
योउ – उम्म्म.. सिंगल प्लीज़.

आंड आपके सिंगल कहते है वो बिल मई जोड़ लिया जाता है.
ऐसे ही – वित ओर विदाउट आइस-क्रीम का भी पूरा उसे होता है.

आपको बता डू –
स्माल, मीडियम और लार्ज मई से हमेशा स्माल मई सबसे ज़्यादा कमाई होती है आंड मीडियम और लार्ज के प्राइस मई डिफरेन्स भी बहुत कम ही होता है. एस आप मीडियम बहुत कम चुनते है. या लार्ज या स्माल.
ट्राइ कर के देखिएगा.

बुत एक बात तो है – चाहे हम एन रेस्टोरेंट्स मई अनहेल्ती खा के आए या ज़्यादा पैसे दे कर आए
बुत मोस्ट ऑफ थे टाइम हम खुशी खुशी लौटते है आंड तीस इस थे के तो देयर सक्सेस.

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