ओशो का शुरुआती जीवन
11 दिसंबर, 1931 को मध्य प्रदेश के कुचवाड़ा में उनका जन्म हुआ था. … शुरुआती दौर में उन्हें आचार्य रजनीश के तौर पर जाना जाता था. नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने नवसंन्यास आंदोलन की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने खुद को ओशो कहना शुरू कर दिया.
निरुद्ध जोशी ‘शतायु’ ओशो को हम क्या कहें- धर्मगुरु, संत, आचार्य, अवतारी, भगवान, मसीहा, प्रवचनकार, धर्म- विरोधी या फिर सेक्स गुरु? जो ओशो को नहीं जानते हैं और या जो ओशो को थोड़ा-बहुत ही जानते हैं उनके लिए ओशो उपरोक्त में से कुछ भी हो सकते हैं। 20वीं सदी के महान विचारक तथा आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश ने वर्तमान में सभी प्रचलित धर्मों के पाखंड को उजागर कर दुनियाभर के लोगों से दुश्मनी मोल ले ली थी। दुनिया को एकदम नए विचारों से हिला देने वाले, बौद्धिक जगत में तहलका मचा देने वाले भारतीय गुरु ओशो से पश्चिम की जनता इस कदर प्रभावित हुई कि भय से अमेरिका की रोनाल्ड रीगन सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करवाकर जेल में डाल दिया था और बाद में अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत उनको जहर देकर छोड़ दिया गया।
ओशो ने सैकड़ों पुस्तकें लिखीं, हजारों प्रवचन दिए। उनके प्रवचन पुस्तकों, ऑडियो कैसेट तथा वीडियो कैसेट के रूप में उपलब्ध हैं। उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से दुनियाभर के वैज्ञानिकों, बुद्धिजीवियों और साहित्यकारों को प्रभावित किया।
सचमुच यह ओशो के विचारों का डर है, जो तब भी समाज में था और आज भी है। आओ जानते हैं
https://youtu.be/qCh5g4N3-3g ( ओशो द्वारा महावीर के विचारों का विश्लेषण )
#ओशो द्वारा महावीर के विचारों का विश्लेषण II Evaluation of Mahavir’s ideas by Osho #OSHOTHOUGHTS
नमस्ते मेरे दोस्त
इस में आप ट्यूब चैनल पर आपको एचडी ऑडियो के साथ पूरा ऑडियो लेक्चर मिलेगा, अन्य चैनलों की तरह नहीं, यहां आपको लगता है कि आप सभी ओशो व्याख्यान पूरे विवरण के साथ पूरे विवरण के साथ करेंगे, इसलिए मैं आप सभी अच्छे श्रोताओं की कामना करता हूं कि आप सभी मुझे एक बड़ा परिवार बनाने में मदद करेंगे
अंत में मैं कहूँगा अगर मैंने कोई गलती की तो कृपया मुझे क्षमा करें ।।
सारी पृथ्वी एक परिवार है। मैं इन क्लिप को उन हिस्सों में प्रस्तुत करूंगा जिसका अर्थ है कि आप सभी बेहतर समझेंगे
जी शुक्रिया
अगले भाग में जल्द ही आ जाएगा
अगले भाग में जल्द ही आ जाएगा
अगले भाग में जल्द ही आ जाएगां
अगले भाग में जल्द ही आ जाएगा
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